लखनऊ, 8 अक्टूबर 2025 – लखनऊ का चौधरी चरण सिंह अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा इन दिनों सुर्खियों में है। क्वालिटी सर्कल फोरम ऑफ इंडिया (QCFI) के VLCCQC-2025 कन्वेंशन में एयरपोर्ट को एक झटके में पांच स्वर्ण पदक मिले हैं। ये पुरस्कार एयरपोर्ट की टीमों की मेहनत, डिजिटल सोच और सुरक्षा के मजबूत इंतजामों की गवाही देते हैं। ये जीत न सिर्फ एयरपोर्ट को देश के टॉप एयरपोर्ट्स की लिस्ट में आगे ले जाती है, बल्कि यात्रियों के लिए बेहतर अनुभव का वादा भी करती है।
QCFI का ये कन्वेंशन क्वालिटी मैनेजमेंट और इनोवेशन का बड़ा मंच है, जहां देशभर से कंपनियां और संस्थाएं अपनी बेहतरीन प्रैक्टिसेज दिखाती हैं। इस बार लखनऊ एयरपोर्ट की पांच टीमों ने अलग-अलग कैटेगरी में गोल्ड अवॉर्ड हासिल किया। सबसे पहले बात करते हैं ई एंड एम टीम की। ये टीम ने ‘प्रेडिक्टिव एंड प्रिवेंटिव मेंटेनेंस’ प्रोजेक्ट पर काम किया, जिसमें मशीनों की खराबी पहले से भांपकर ठीक करने का सिस्टम बनाया। नतीजा? एयरपोर्ट की मेन्टेनेंस कॉस्ट घटी और फ्लाइट्स ज्यादा स्मूथ चलीं।
फिर आईटी टीम का कमाल। ‘डिजिटलीकरण एंड इट्स इम्पैक्ट ऑन बिजनेस’ प्रोजेक्ट में उन्होंने डिजिटल टूल्स से एयरपोर्ट के ऑपरेशंस को तेज किया। जैसे, चेक-इन से लेकर बैगेज हैंडलिंग तक सब कुछ ऐप और सॉफ्टवेयर से कनेक्ट हो गया। इससे न सिर्फ समय बचा, बल्कि बिजनेस भी ग्रोथ पर आ गया। डिजाइन टीम ने ‘डिजिटल ट्विन’ टेक्नोलॉजी पर फोकस किया। ये एक तरह का वर्चुअल मॉडल है, जो असली एयरपोर्ट का डिजिटल क्लोन बनाता है। इससे प्लानिंग आसान हो जाती है और कोई नई सुविधा जोड़ने से पहले टेस्टिंग हो जाती है।
सुरक्षा के मोर्चे पर आईएसएमसी सिक्योरिटी टीम ने ‘एन्हांसमेंट इन सिक्योरिटी एंड प्रोटेक्शन प्रैक्टिसेज’ प्रोजेक्ट से कमाल दिखाया। यहां स्मार्ट कैमरा, एआई बेस्ड स्कैनिंग और ट्रेनिंग प्रोग्राम्स से खतरे को पहले ही रोकने का सिस्टम डेवलप किया। पांचवां अवॉर्ड सस्टेनेबल प्रैक्टिसेज कैटेगरी में गया, जहां टीम ने एनर्जी सेविंग, वेस्ट मैनेजमेंट और ग्रीन इनिशिएटिव्स पर काम किया। कुल मिलाकर, ये पांच गोल्ड एयरपोर्ट की होलिस्टिक अप्रोच को हाइलाइट करते हैं – जहां टेक्नोलॉजी, सेफ्टी और पर्यावरण सब साथ चलते हैं।
चीफ एयरपोर्ट ऑफिसर अतुल कुमार ने इस जीत पर खुशी जताते हुए कहा, “ये पुरस्कार हमारी टीमों की सामूहिक मेहनत और लगन का नतीजा हैं। लखनऊ एयरपोर्ट अब न सिर्फ तेज उड़ानों का गेटवे बनेगा, बल्कि दुनिया के बेस्ट एयरपोर्ट्स में शुमार होगा। हम यात्रियों को और बेहतर सर्विस देने के लिए और इनोवेट करेंगे।” उनकी ये बातें टीम में जोश भर रही हैं। प्राइवेट मैनेजमेंट वाली इस एयरपोर्ट ने पिछले कुछ सालों में कई अवॉर्ड्स जीते हैं, लेकिन पांच गोल्ड एक साथ ये पहली बार है।
बात अगर बैकग्राउंड की करें, तो QCFI 1984 से क्वालिटी सर्कल्स को प्रमोट कर रहा है। VLCCQC यानी वर्ल्ड लेवल कन्वेंशन फॉर क्वालिटी कॉन्सेप्ट्स, जहां ग्लोबल एक्सपर्ट्स जज करते हैं। लखनऊ एयरपोर्ट की ये कामयाबी उत्तर प्रदेश की इकोनॉमी को बूस्ट देगी। राज्य सरकार भी इसे प्रमोट कर रही है, क्योंकि एयरपोर्ट से टूरिज्म और बिजनेस बढ़ रहा है। पिछले साल यहां पैसेंजर ट्रैफिक 20 फीसदी ऊपर गया था, और ये अवॉर्ड्स इसे और तेज करेंगे।
अब सवाल ये कि आगे क्या? एयरपोर्ट मैनेजमेंट का प्लान साफ है – डिजिटल टूल्स को और एडवांस करना, सस्टेनेबिलिटी पर फोकस बढ़ाना और पैसेंजर फीडबैक से सुधार लाना। जैसे, सोलर पैनल्स से फुल एनर्जी कवरेज का टारगेट है। ये सब मिलकर लखनऊ को एविएशन हब बनाने में मदद करेंगे।
कुल मिलाकर, ये पांच गोल्ड अवॉर्ड सिर्फ ट्रॉफी नहीं, बल्कि एक मिसाल हैं। ये दिखाते हैं कि छोटी-छोटी इनोवेशंस से बड़े बदलाव आ सकते हैं। लखनऊ के निवासियों के लिए ये गर्व की बात है, और आने वाले यात्रियों के लिए खुशहाल फ्लाइट्स का वादा। अगर आप अगली बार एयरपोर्ट जाएं, तो इन टीमों को न भूलें – ये वही लोग हैं जो आपकी यात्रा को सुरक्षित और आसान बनाते हैं।
