
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को अपने सरकारी आवास, 5 कालिदास मार्ग, लखनऊ में फूलों की खेती करने वाले किसानों के साथ एक खास बैठक की। इस दौरान उन्होंने फूलों की खेती को बढ़ावा देने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए कई बड़े ऐलान किए। सबसे अहम फैसला फूलों पर लगने वाले मंडी शुल्क को पूरी तरह खत्म करने का रहा, जिसे किसानों ने ऐतिहासिक कदम बताया। इस बैठक में प्रदेश के कई हिस्सों से आए फूल उत्पादक किसानों ने अपनी समस्याएं और सुझाव साझा किए।
मंडी शुल्क खत्म, किसानों को राहत
मुख्यमंत्री ने फूलों पर लगने वाले मंडी शुल्क को समाप्त करने का फैसला लिया, जिसका किसानों ने जोरदार स्वागत किया। यह शुल्क पहले फूलों की बिक्री पर लगता था, जिससे किसानों को अपनी उपज बेचने में अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ता था। लखनऊ के एक फूल उत्पादक ने कहा, “मंडी शुल्क खत्म होने से हमारी कमाई बढ़ेगी। अब हम अपने फूल सीधे बाजार में बेच सकेंगे और ज्यादा मुनाफा कमा सकेंगे।”
योगी ने कहा कि यह कदम फूलों की खेती को और आकर्षक बनाएगा। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में फूलों की खेती का दायरा बढ़ रहा है और यह किसानों के लिए आय का एक अच्छा स्रोत बन सकता है।
फूलों की खेती को बढ़ावा देने की योजना
बैठक में योगी ने फूलों की खेती को बढ़ाने के लिए कई योजनाओं का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि सरकार फूल उत्पादन के लिए आधुनिक तकनीक और प्रशिक्षण उपलब्ध कराएगी। साथ ही, फूलों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को प्रोत्साहित किया जाएगा। उन्होंने उदाहरण दिया कि बलिया और चंदौली जैसे जिलों में किसान पहले ही अपने कृषि उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भेजकर अपनी पहचान बना रहे हैं।
शबरी कैंटीन और बुनियादी ढांचे पर जोर
योगी ने फूल मंडियों में शबरी कैंटीन शुरू करने का निर्देश दिया, ताकि किसानों को सस्ता और पौष्टिक भोजन मिल सके। उन्होंने कहा कि इससे मंडी में काम करने वाले किसानों और मजदूरों को सुविधा होगी। इसके अलावा, बुनियादी ढांचे को बेहतर करने के लिए फूल मंडियों में कोल्ड स्टोरेज और बेहतर परिवहन सुविधाएं देने की बात भी कही गई।
कानपुर के एक किसान ने कहा, “हमारे लिए सबसे बड़ी समस्या फूलों को ताजा रखना और समय पर बाजार तक पहुंचाना है। अगर कोल्ड स्टोरेज मिलेगा, तो हम अपने फूल दिल्ली और अन्य बड़े शहरों में आसानी से बेच सकेंगे।”
किसानों का उत्साह
बैठक में शामिल किसानों ने योगी के इस कदम की तारीफ की। भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के एक प्रतिनिधि ने कहा, “मुख्यमंत्री ने हमारी हर बात ध्यान से सुनी और तुरंत समाधान का भरोसा दिया। यह हमारे लिए बहुत बड़ी बात है।” सरकार ने पहले भी फूलों की खेती को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं, जैसे बागवानी विभाग के माध्यम से सब्सिडी और प्रशिक्षण।
भविष्य की योजनाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में फूलों की खेती को वैश्विक स्तर पर ले जाया जाएगा। इसके लिए सरकार निजी क्षेत्र और बागवानी विभाग के साथ मिलकर काम करेगी। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे गुलाब, गेंदा, और चमेली जैसे फूलों की खेती को बढ़ाएं, क्योंकि इनकी मांग देश और विदेश में तेजी से बढ़ रही है।
आगे क्या?
रेलवे प्रशासन ने मंडी शुल्क खत्म करने के आदेश को तुरंत लागू करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, बागवानी विभाग को अगले तीन महीनों में फूल उत्पादक किसानों के लिए प्रशिक्षण शिविर और सब्सिडी योजनाओं को शुरू करने के लिए कहा गया है। किसानों से अपील की गई है कि वे स्थानीय कृषि कार्यालयों से संपर्क करें और नई योजनाओं का लाभ उठाएं।