
लखनऊ, 6 सितंबर 2025 – उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिक्षक दिवस के मौके पर शिक्षकों के लिए एक बड़ी सौगात दी है। उन्होंने घोषणा की कि राज्य के सभी सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों-कॉलेजों में कार्यरत शिक्षक, शिक्षा मित्र, अनुदेशक और रसोइया अब कैशलैस इलाज की सुविधा पा सकेंगे। यह योजना करीब 9 लाख परिवारों को लाभ पहुंचाएगी, जिससे बीमारी के समय आर्थिक चिंता खत्म होगी। यह ऐलान लखनऊ के लोक भवन ऑडिटोरियम में शिक्षक सम्मान समारोह में हुआ, जहां मुख्यमंत्री ने शिक्षकों को देश की नींव बताया।
उन्होंने कहा, “शिक्षक बच्चों का भविष्य बनाते हैं। उनकी सेहत हमारी जिम्मेदारी है। प्राइमरी, अपर प्राइमरी, सेकेंडरी और सहायता प्राप्त स्कूलों-कॉलेजों के शिक्षकों के साथ-साथ शिक्षा मित्र, अनुदेशक और रसोइया को भी कैशलैस इलाज मिलेगा।” बेसिक, सेकेंडरी और उच्च शिक्षा विभाग जल्द इसकी प्रक्रिया शुरू करेंगे। इससे शिक्षक बिना पैसे की चिंता किए अच्छे अस्पतालों में इलाज करा सकेंगे, चाहे छोटी बीमारी हो या गंभीर।
इसके अलावा, योगी ने शिक्षा मित्र और अनुदेशकों के मानदेय बढ़ाने के लिए एक उच्चस्तरीय कमिटी गठित करने की बात कही। कमिटी की सिफारिशों के आधार पर जल्द फैसला लिया जाएगा। समारोह में 2,204 सरकारी सेकेंडरी स्कूलों के प्रिंसिपलों को टैबलेट दिए गए और 1,236 स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम शुरू किए गए। 81 शिक्षकों (66 बेसिक और 15 सेकेंडरी) को राज्य शिक्षक पुरस्कार से नवाजा गया, जिसमें 25,000 रुपये, प्रशस्ति पत्र, सरस्वती मूर्ति और शॉल शामिल थे।
शिक्षा में सुधारों का जिक्र करते हुए योगी ने बताया कि ऑपरेशन कायाकल्प से 1.36 लाख स्कूलों में 19 बुनियादी सुविधाएं दी गईं। प्रोजेक्ट अलंकार से 2,100 स्कूलों को नए भवन मिले। निपुन भारत मिशन और बाल वाटिका ने बच्चों की स्किल्स को निखारा। उन्होंने कहा, “पहले यूपी बोर्ड में नकल का माहौल था, लेकिन अब सीसीटीवी के साथ पारदर्शी परीक्षाएं होती हैं। 56 लाख छात्रों के रिजल्ट एक महीने में आते हैं।” नई शिक्षा नीति के तहत 5,000 से ज्यादा बाल वाटिकाएं खुलीं, जहां 25,000 से अधिक 3-6 साल के बच्चे पढ़ रहे हैं। समारोह में ‘गुल्लक’ कहानी संग्रह, ‘बाल वाटिका’ हैंडबुक और ‘उद्गम’ डिजिटल प्लेटफॉर्म भी लॉन्च हुआ।
सोशल मीडिया पर इस घोषणा को खूब सराहा जा रहा है। एक यूजर ने लिखा, “शिक्षकों की सेहत और सम्मान के लिए योगी सरकार का यह कदम शानदार है।” लोग इसे शिक्षा क्षेत्र में गेम-चेंजर मान रहे हैं। यह योजना शिक्षकों को आर्थिक और मानसिक सुरक्षा देगी, जिससे वे और बेहतर तरीके से पढ़ा सकेंगे। आने वाले समय में इसकी शुरुआत और असर पर सबकी नजर रहेगी। उत्तर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को यह कदम और मजबूत करेगा।