
वाराणसी: शहर में स्वच्छता और आंगनबाड़ी सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए प्रशासन ने सख्त कदम उठाया है। बुधवार, 4 सितंबर 2025 को जिला प्रशासन की सुपर-80 टीम ने वाराणसी के विभिन्न ग्राम पंचायतों और स्कूलों का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान ड्यूटी से गैरहाजिर पाए गए पांच सफाई कर्मचारियों को तुरंत निलंबित कर दिया गया। साथ ही, 23 अन्य सफाई कर्मचारियों और 16 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। यह कार्रवाई मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) हिमांशु नागपाल के निर्देश पर हुई, जो विकास भवन के कंट्रोल रूम से निगरानी कर रहे थे।
निरीक्षण में क्या सामने आया?
सुपर-80 टीम ने ग्राम पंचायतों और स्कूलों में स्वच्छता, बच्चों की शिक्षा और पोषण सेवाओं की जांच की। कई जगह सफाई कर्मचारी बिना सूचना के अनुपस्थित थे, जिससे गांवों में गंदगी का ढेर लगा हुआ था। आंगनबाड़ी केंद्रों पर भी 14 सहायिकाएं और 16 कार्यकर्ताएं बिना बताए गायब थीं, जिससे बच्चों को समय पर भोजन और देखभाल नहीं मिल पा रही थी। टीम ने अपनी रिपोर्ट सीडीओ को सौंपी, जिसके आधार पर यह सख्त कार्रवाई हुई। जिला पंचायत राज अधिकारी ने सफाई कर्मचारियों के निलंबन का आदेश दिया, जबकि जिला कार्यक्रम अधिकारी ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को नोटिस भेजा।
अन्य विभागों पर भी नजर
निरीक्षण में केवल सफाई और आंगनबाड़ी सेवाएं ही नहीं, बल्कि अन्य विभागों की लापरवाही भी सामने आई। शिक्षा विभाग में 23 शिक्षकों, अनुदेशकों और शिक्षामित्रों का एक दिन का वेतन रोकने का आदेश बीएसए ने दिया। स्वास्थ्य विभाग में दो कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर (सीएचओ) को हेल्थ वेलनेस सेंटर पर अनुपस्थित रहने के लिए नोटिस जारी हुआ। इसके अलावा, 11 बंद नलकूपों में से पांच को ठीक करवाया गया और पशुपालन विभाग ने 11 ग्राम पंचायतों में छूटे हुए पशुओं का टीकाकरण पूरा किया।
क्यों जरूरी थी यह कार्रवाई?
वाराणसी में स्वच्छ भारत मिशन और आंगनबाड़ी योजनाएं सरकार की प्राथमिकता में हैं। सीडीओ हिमांशु नागपाल ने कहा, “लापरवाही बरतने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।” यह कार्रवाई न केवल कर्मचारियों को जिम्मेदारी का एहसास कराएगी, बल्कि गांवों और स्कूलों में स्वच्छता और बच्चों की देखभाल को भी बेहतर बनाएगी। स्थानीय लोगों ने इस कदम का स्वागत किया है, लेकिन उनका कहना है कि नियमित निरीक्षण और जवाबदेही जरूरी है, ताकि सेवाएं लगातार सुचारु रहें।
आगे क्या होगा?
निलंबित कर्मचारियों को अपनी सफाई देने का मौका मिलेगा, जबकि नोटिस पाने वालों को सात दिन में जवाब देना होगा। अगर जवाब संतोषजनक नहीं हुआ, तो आगे की कार्रवाई हो सकती है। प्रशासन ने साफ किया कि भविष्य में भी ऐसे निरीक्षण जारी रहेंगे। यह कार्रवाई सभी कर्मचारियो के लिए एक सख्त संदेश है कि जनसेवा में ढिलाई बर्दाश्त नहीं होगी। इससे न केवल स्वच्छता और आंगनबाड़ी सेवाएं बेहतर होंगी, बल्कि प्रशासन के प्रति लोगों का भरोसा भी बढ़ेगा।