
लखनऊ, 13 सितंबर 2025: नेपाल में जनरेशन जेड के युवाओं द्वारा शुरू किए गए बड़े विरोध प्रदर्शनों ने हालातों को भयावह बना दिया था, लेकिन अब अच्छी खबर है कि 12 सितंबर से स्थिति शांत हो गई है। किसी बड़ी हिंसा की रिपोर्ट नहीं आई है। इन प्रदर्शनों के दौरान सैकड़ों भारतीय नागरिक फंस गए थे, जिनकी मदद के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस ने लखनऊ में एक स्पेशल कंट्रोल रूम स्थापित किया है। अब तक 200 से ज्यादा भारतीयों को सुरक्षित निकाला जा चुका है। यह कदम भारत-नेपाल सीमा पर सतर्कता बढ़ाने और फंसे लोगों की त्वरित सहायता के लिए उठाया गया है।
प्रदर्शन 8 सितंबर को काठमांडू में शुरू हुए, जब युवा सोशल मीडिया पर प्रतिबंध, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और शिक्षा की खराब व्यवस्था के खिलाफ सड़कों पर उतर आए। शुरुआत शांतिपूर्ण थी, लेकिन पुलिस की कार्रवाई से झड़पें भड़क गईं। 9 सितंबर को हालात बेकाबू हो गए, जहां प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया और पुलिस ने गोली चलाई। नतीजे में कम से कम 51 लोगों की मौत हुई, जिसमें 21 प्रदर्शनकारी, 9 कैदी, 3 पुलिसकर्मी और एक भारतीय नागरिक शामिल हैं। 1,300 से ज्यादा लोग घायल हुए, जिनमें से 713 को छुट्टी मिल चुकी है और 253 अभी अस्पताल में हैं। ये आंकड़े नेपाल पुलिस और मानवाधिकार संगठनों के रिपोर्ट्स पर आधारित हैं।
हिंसा के दौरान भारी नुकसान हुआ। काठमांडू में होटलों पर हमले हुए, एक भारतीय पर्यटक के होटल में आग लगा दिया गया। तीर्थयात्रियों की बसों पर पत्थरबाजी हुई, संसद भवन में आग लगाई गई और दुकानों को लूटा गया। त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बंद हो गया, कर्फ्यू लग गया और पूरे शहर में अराजकता फैल गई। इन घटनाओं से नेपाल की अर्थव्यवस्था को झटका लगा, जबकि राजनीतिक अस्थिरता बढ़ गई। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को इस्तीफा देना पड़ा और सुषिला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री बनाया गया। अब 5 मार्च 2026 को चुनाव की तारीख तय हो गई है।
भारत सरकार ने फंसे नागरिकों के लिए तुरंत एक्शन लिया। विदेश मंत्रालय ने यात्रा न करने की सलाह दी और भारतीय दूतावास ने नेपाली अधिकारियों से समन्वय कर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। एयर इंडिया और इंडिगो की स्पेशल फ्लाइट्स भेजी गई। अब तक 300 से ज्यादा भारतीय लौट चुके हैं। सरकार ने नेपाली लोगों से अपील की कि हिंसा बंद हो और नेपाल सीमा पर शांति बनी रहे। ये प्रयास पड़ोसी देश के संकट में भारत की एकजुटता दिखाते हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार ने सीमा सुरक्षा को प्राथमिकता दी। डीजीपी राजीव कृष्ण ने नेपाल से लगे सात जिलों में हाई अलर्ट जारी किया। 30 संवेदनशील थानों पर 24 घंटे निगरानी बढ़ाई गई, सशस्त्र सीमा बल और नेपाली पुलिस की संयुक्त गश्त शुरू हुई। नेपाल की जेलों से भागकर भारत में आये कैदियों को पकड़कर वापस सौंपा गया। ऊपर से, लखनऊ पुलिस मुख्यालय में एडीजी कानून-व्यवस्था, अमिताभ यश, के नेतृत्व में कंट्रोल रूम चालू हो गया। यहां हेल्पलाइन नंबर्स 0522-2390257, 0522-2724010 और 9454401674 उपलब्ध हैं, जहां व्हाट्सऐप कॉल और मैसेज भी स्वीकार किए जाते हैं। कंट्रोल रूम को 50 से ज्यादा कॉल्स मिलीं, ज्यादातर गोरखपुर, प्रयागराज और मऊ से।
अब जब कर्फ्यू हट रहा है और हवाई अड्डा खुलने की खबरें हैं, राहत महसूस हो रही है। लेकिन सीमा पर सतर्कता बरतनी होगी। यूपी पुलिस का यह प्रयास न सिर्फ फंसे लोगों के लिए वरदान है, बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता के लिए भी जरूरी साबित हुआ। अगर कोई अभी भी फंसा हो, तो हेल्पलाइन पर संपर्क करें। उम्मीद है कि जल्द सब सामान्य हो जाएगा।