
राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना ने सबको हिला कर रख दिया है। जहाजपुर कस्बे में 25 साल के सीताराम की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। यह घटना शुक्रवार शाम को हुई, जब एक छोटी सी कार और ठेले की टक्कर ने गुस्से की आग को भड़का दिया। अब इलाके में तनाव का माहौल है, बाजार बंद हैं, और पुलिस हर तरफ तैनात है। लोग डरे हुए हैं, और सीताराम के परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। यह मामला दिन-ब-दिन गंभीर होता जा रहा है, और हर नई जानकारी के साथ सवाल उठ रहे हैं।
घटना का पूरा हाल: कैसे हुई सीताराम की हत्या?
शुक्रवार की शाम को सीताराम अपने तीन दोस्तों—सिकंदर, दिलखुश, और दीपक—के साथ जहाजपुर के मुख्य बाजार से गुजर रहा था। वह टोंक जिले का रहने वाला था और एक पारिवारिक समारोह में शामिल होने आया था। तभी उसकी कार गलती से शरीफ मोहम्मद के सब्जी के ठेले से टकरा गई। शुरू में तो मामला कहासुनी तक सीमित था, लेकिन शरीफ ने गुस्से में भीड़ इकट्ठा कर ली। देखते ही देखते 20-25 लोग वहां जमा हो गए और सीताराम को कार से खींचकर बाहर निकाला। फिर उसे लाठियों और हाथों से पीटा गया, जब तक कि उसकी सांसें थम नहीं गईं। लोग कहते हैं कि भीड़ ने मजहबी नारे भी लगाए, जिससे माहौल और तनावपूर्ण हो गया। सीताराम का शव अब अस्पताल की मोर्चरी में है, लेकिन परिवार पोस्टमार्टम के लिए तैयार नहीं है।
शुरुआती जांच और पुलिस की कार्रवाई
पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। भीलवाड़ा के एसपी धर्मेंद्र सिंह यादव खुद मौके पर पहुंचे और अतिरिक्त पुलिस बल के साथ स्थिति को संभाला। एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है, और अन्य संदिग्धों की तलाश जारी है। थाने में हत्या का केस दर्ज हो चुका है, लेकिन लोग सवाल उठा रहे हैं कि आखिर इतनी बड़ी भीड़ कैसे इकट्ठा हो गई? पुलिस का कहना है कि जांच में हर पहलू को देखा जाएगा, लेकिन अभी तक पूरा सच सामने नहीं आया है। इलाके में भारी पुलिस तैनाती है ताकि और बवाल न हो।
लोगों का गुस्सा और प्रदर्शन
अस्पताल के बाहर परिवार और ग्रामीणों ने धरना दिया, मांग की कि सभी आरोपियों को जल्दी पकड़ा जाए और परिवार को मुआवजा मिले। विधायक गोपीचंद मीणा भी वहां पहुंचे और लोगों को शांत करने की कोशिश की। मोहर्रम के ताजिए निकालने पर भी विवाद शुरू हो गया है। लोग डरे हुए हैं, लेकिन गुस्सा भी साफ दिख रहा है।
इलाके में तनाव और पुलिस की तैयारी
इस घटना के बाद जहाजपुर में सन्नाटा पसरा है। बाजार बंद हैं, और लोग घरों में कैद हैं। पुलिस ने हर चौराहे पर नजर रखी है ताकि हालात बिगड़ न जाएं। डीएसपी नरेंद्र पारीक और थाना अधिकारी राजकुमार नायक भी टीम के साथ सक्रिय हैं। लोग कहते हैं कि ऐसा माहौल पहले कभी नहीं देखा। स्कूल और दुकानें बंद हैं, और माहौल में डर का असर है। पुलिस का दावा है कि हालात काबू में हैं, लेकिन लोग अभी भी सतर्क हैं।