
मुजफ्फरनगर – उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में रविवार देर रात एक सनसनीखेज एनकाउंटर में माफिया डॉन मुख्तार अंसारी और संजीव माहेश्वरी जीवा गैंग के कुख्यात शूटर शाहरुख पठान को यूपी पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने ढेर कर दिया। शाहरुख पठान, जिस पर 50,000 रुपये का इनाम था, हत्या, लूट और रंगदारी जैसे दर्जनों आपराधिक मामले दर्ज थे। इस घटना ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में संगठित अपराध के खिलाफ पुलिस की सख्ती को फिर से उजागर किया है।
मेरठ STF यूनिट को रविवार रात खुफिया जानकारी मिली थी कि शाहरुख पठान मुजफ्फरनगर के छपार थाना क्षेत्र के रोहाना मार्ग पर छिपा हुआ है। पुलिस के मुताबिक, STF ने इलाके की घेराबंदी की और जैसे ही शाहरुख को रोकने की कोशिश की, उसने पुलिस पर 10 से ज्यादा राउंड फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में STF ने गोली चलाई, जिसमें शाहरुख गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
पुलिस ने घटनास्थल से एक .30 एमएम बरेटा पिस्टल, एक .32 एमएम रिवॉल्वर, एक देसी पिस्तौल, 60 कारतूस और बिना नंबर प्लेट की एक सफेद मारुति ब्रेजा कार बरामद की। STF के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुशील घुले ने बताया कि शाहरुख हाल ही में जमानत पर रिहा हुआ था, लेकिन वह फिर से आपराधिक गतिविधियों में लिप्त हो गया था। संभल में उसके खिलाफ एक ताजा मामला दर्ज था, जिसमें उस पर एक आपराधिक मामले के गवाहों को धमकाने और हत्या का प्रयास करने का आरोप लगाया गया था।
35 वर्षीय शाहरुख पठान, मुजफ्फरनगर के खलापार का रहने वाला था और उसने 2015 में अपराध की दुनिया में कदम रखा था। उसने सबसे ज्यादा सुर्खियां तब बटोरीं, जब उसने 2014 में मुजफ्फरनगर रेलवे स्टेशन पर पुलिस हिरासत में एक व्यक्ति, आसिफ जायदा, की हत्या कर दी थी। बाद में, उसने आसिफ के पिता की भी हत्या की, जो अपने बेटे की हत्या के मामले में गवाह थे। इन मामलों में उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी, लेकिन छह महीने पहले ही वह जमानत पर रिहा हो गया था।
जेल में रहने के दौरान शाहरुख का संपर्क कुख्यात गैंगस्टर संजीव जीवा और माफिया डॉन मुख्तार अंसारी से हुआ। इसके बाद वह दोनों के लिए काम करने लगा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में उनके गैंग की गतिविधियों को अंजाम देने में शामिल हो गया। पुलिस के अनुसार, शाहरुख ने कई हत्याओं, रंगदारी और धमकी के मामलों में अहम भूमिका निभाई थी। उस पर आधा दर्जन से ज्यादा गंभीर अपराधों के मामले दर्ज थे, और उसकी गतिविधियों ने स्थानीय लोगों में दहशत फैला रखी थी।
STF के ADG (लॉ एंड ऑर्डर) अमिताभ यश ने कहा कि शाहरुख पठान का एनकाउंटर संगठित अपराध के खिलाफ उनकी मुहिम का हिस्सा है। उन्होंने बताया कि STF अन्य गैंगस्टरों और उनके नेटवर्क पर भी नजर रखे हुए है। “हमारा मकसद पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अपराध को जड़ से खत्म करना है,” उन्होंने कहा। पुलिस अब शाहरुख के सहयोगियों और उसके गैंग के अन्य सदस्यों की तलाश में छापेमारी कर रही है।
इस घटना ने एक बार फिर यूपी में संगठित अपराध के खिलाफ पुलिस की सख्त कार्रवाई को सुर्खियों में ला दिया है। शाहरुख पठान का खात्मा निश्चित रूप से मुख्तार अंसारी और संजीव जीवा गैंग के लिए बड़ा झटका है, लेकिन यह देखना बाकी है कि क्या इससे क्षेत्र में अपराध की स्थिति पर लंबे समय तक असर पड़ेगा।