
मेरठ/मुजफ्फरनगर, 15 जुलाई: सावन के पवित्र महीने में शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा के लिए उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बड़े इंतजाम किए जा रहे हैं। इस बार श्रद्धालुओं की भारी भीड़ और ट्रैफिक व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए मेरठ और मुजफ्फरनगर में 16 से 23 जुलाई तक सभी स्कूलों और कॉलेजों में 8 दिन की छुट्टी का ऐलान किया गया है। यह फैसला बच्चों की सुरक्षा और यात्रा के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है।
क्यों लिया गया यह फैसला?
कांवड़ यात्रा हर साल सावन में लाखों शिव भक्तों को हरिद्वार और अन्य पवित्र स्थानों की ओर खींचती है, जहां वे गंगा जल लेकर अपने स्थानीय शिव मंदिरों में जलाभिषेक करते हैं। इस दौरान सड़कों पर भारी भीड़ और ट्रैफिक जाम की स्थिति बन जाती है। खासकर मेरठ और मुजफ्फरनगर जैसे जिलों में, जहां से कांवड़ यात्रा का मुख्य मार्ग गुजरता है, सड़कें पूरी तरह से कांवड़ियों के लिए आरक्षित हो जाती हैं।
मुजफ्फरनगर के जिलाधिकारी उमेश मिश्रा ने बताया, “कांवड़ यात्रा के दौरान सड़कों पर भारी भीड़ होती है, जिससे बच्चों का स्कूल-कॉलेज आना-जाना जोखिम भरा हो सकता है। सुरक्षा और यातायात व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए यह छुट्टी का फैसला लिया गया है।”
मेरठ में भी जिलाधिकारी ने इसी तरह का आदेश जारी किया है। 23 जुलाई को श्रावण शिवरात्रि के दिन यात्रा अपने चरम पर होगी, जब कांवड़िए जलाभिषेक के लिए मंदिरों की ओर बढ़ेंगे। इस दिन सबसे ज्यादा भीड़ होने की उम्मीद है।
किन स्कूलों और कॉलेजों पर लागू होगा आदेश?
यह छुट्टी सभी सरकारी और निजी स्कूलों, यूपी बोर्ड, सीबीएसई, आईसीएसई बोर्ड के स्कूलों, डिग्री कॉलेजों और तकनीकी संस्थानों पर लागू होगी। मुजफ्फरनगर के जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआईओएस) राजेश कुमार ने बताया कि सभी स्कूलों को इस आदेश का सख्ती से पालन करने के लिए कहा गया है। अगर कोई स्कूल खुला पाया गया, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
ट्रैफिक और सुरक्षा के लिए खास इंतजाम
कांवड़ यात्रा के दौरान यातायात को सुचारू रखने के लिए कई मार्गों पर रूट डायवर्जन किया गया है। दिल्ली-मेरठ मार्ग को एक तरफा (वन-वे) कर दिया गया है, जिसके कारण मुरादनगर और अन्य क्षेत्रों में जाम की स्थिति देखी जा रही है। पुलिस प्रशासन ने कांवड़ियों के लिए अलग से शिविर बनाए हैं और सड़कों पर सुरक्षा के लिए अतिरिक्त पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं।
गाजियाबाद में भी रूट डायवर्जन और नो-एंट्री जोन बनाए गए हैं। स्थानीय निवासियों से अनुरोध किया गया है कि वे कांवड़ मार्गों से बचें और जरूरी होने पर पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करें। आपातकालीन वाहनों जैसे एम्बुलेंस और दमकल गाड़ियों को आवाजाही की अनुमति होगी।
हरिद्वार में 10 दिन की छुट्टी
उत्तराखंड के हरिद्वार जिले में कांवड़ यात्रा के लिए और भी सख्त इंतजाम किए गए हैं। वहां 14 से 23 जुलाई तक सभी स्कूल, कॉलेज, तकनीकी संस्थान और आंगनबाड़ी केंद्र बंद रहेंगे। हरिद्वार के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बताया कि इस दौरान ऑनलाइन क्लासेस के जरिए पढ़ाई जारी रखने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि बच्चों की पढ़ाई पर असर न पड़े।
कांवड़ यात्रा का महत्व
कांवड़ यात्रा सावन के महीने में शिव भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक यात्रा है। लाखों लोग गंगा नदी से जल लेकर पैदल चलकर अपने स्थानीय मंदिरों में भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं। इस बार अनुमान है कि करीब 5 करोड़ श्रद्धालु इस यात्रा में हिस्सा लेंगे।
जिलाधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि 24 जुलाई से स्कूल और कॉलेज सामान्य रूप से खुल जाएंगे। तब तक अभिभावकों को सलाह दी गई है कि वे बच्चों को कांवड़ मार्गों से दूर रखें और स्थानीय प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करें।
कांवड़ यात्रा के दौरान प्रशासन का पूरा ध्यान सुरक्षा और व्यवस्था पर है। आम लोगों से भी सहयोग की अपील की गई है ताकि यह धार्मिक आयोजन सुचारू रूप से संपन्न हो सके।