
अयोध्या, उत्तर प्रदेश का एक पवित्र शहर, अब राष्ट्रीय सुरक्षा के नक्शे पर और मजबूत होने जा रहा है। हाल के समाचारों के अनुसार, योगी आदित्यनाथ सरकार ने अयोध्या में नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (NSG) का एक स्थायी कैंप बनाने का फैसला लिया है। यह खबर अयोध्या की सुरक्षा को और पुख्ता करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। राम मंदिर के निर्माण के बाद अयोध्या का महत्व और भी बढ़ गया है, जिससे सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करना जरूरी हो गया है।
NSG हब की मंजूरी और जमीन आवंटन
उत्तर प्रदेश सरकार ने जुलाई 2025 में एक अहम फैसला लिया, जिसमें अयोध्या के कैंटोनमेंट क्षेत्र में 8 एकड़ जमीन को NSG कैंप के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय को 99 साल की लीज पर देने की मंजूरी दी गई। यह हब अयोध्या को देश का छठा और उत्तर प्रदेश का पहला NSG केंद्र बनाएगा। इस हब में अत्याधुनिक हथियार, एंटी-ड्रोन सिस्टम, और ट्रेनिंग सुविधाएं होंगी। यह कैंप न केवल अयोध्या बल्कि पूर्वांचल और बिहार जैसे क्षेत्रों में भी आपात स्थिति में तेजी से कार्रवाई सुनिश्चित करेगा।
अयोध्या में सुरक्षा का बढ़ता महत्व
राम मंदिर के उद्घाटन के बाद अयोध्या में देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु आ रहे हैं। इस बढ़ती भीड़ और शहर के धार्मिक-सांस्कृतिक महत्व को देखते हुए सुरक्षा अब सबसे बड़ी प्राथमिकता है। 2005 में राम मंदिर पर हुए आतंकी हमले की 20वीं बरसी पर NSG कैंप की घोषणा ने शहर की सुरक्षा को और मजबूत करने का संदेश दिया। इस हब में 24 घंटे कमांडो तैनात रहेंगे, जो किसी भी खतरे से निपटने के लिए तैयार होंगे। अयोध्या में पहले से ही CRPF, SSF, और स्थानीय पुलिस तैनात हैं, और अब NSG की मौजूदगी इसे और सुरक्षित बनाएगी।
भविष्य की योजनाएं और प्रभाव
NSG हब के लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) तैयार की जा रही है, जिसमें ऑपरेशनल बेस, ट्रेनिंग रेंज, और आवासीय क्षेत्र शामिल होंगे। यह हब अयोध्या के साथ-साथ गोरखपुर, वाराणसी, और बिहार जैसे क्षेत्रों में भी सुरक्षा बढ़ाएगा। अयोध्या के कमिश्नर गौरव दयाल ने कहा कि यह कदम आपात स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया के लिए जरूरी है। यह हब अयोध्या को न केवल आध्यात्मिक बल्कि रणनीतिक रूप से भी मजबूत बनाएगा, जिससे यह राष्ट्रीय सुरक्षा का एक महत्वपूर्ण केंद्र बनेगा।
अयोध्या में NSG कैंप का निर्माण शहर की सुरक्षा को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा। राम मंदिर और अन्य संवेदनशील स्थानों की सुरक्षा अब और मजबूत होगी। यह कदम अयोध्या को एक सुरक्षित और आकर्षक गंतव्य बनाए रखने में मदद करेगा, जहां श्रद्धालु बिना किसी डर के आ सकें।