
मुजफ्फरनगर, 8 सितंबर 2025: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के चरथावल थाना क्षेत्र के दूधली गांव में आज एक दर्दनाक हादसा हो गया। यहां बिजली विभाग के संविदा कर्मी जितेंद्र सिंह उर्फ बारू (45 वर्ष) की करंट लगने से मौत हो गई। जितेंद्र शटडाउन के दौरान बिजली की लाइन पर फॉल्ट ठीक करने का काम कर रहे थे, लेकिन अचानक बिजली सप्लाई चालू हो जाने से उन्हें तेज करंट लग गया। यह घटना सुबह के समय हुई, जब जितेंद्र पोल पर चढ़े हुए थे।
जानकारी के मुताबिक, दूधली बिजलीघर पर शटडाउन लिया गया था ताकि लो वोल्टेज (एलटी) लाइन का मेंटेनेंस हो सके। जितेंद्र गांव के ही निवासी थे और कई सालों से संविदा पर बिजली विभाग में काम कर रहे थे। वे ईमानदार और मेहनती कर्मचारी माने जाते थे। हादसे के वक्त वे तार जोड़ने का काम कर रहे थे, लेकिन किसी की लापरवाही से बिजली फिर से चालू हो गई। करंट के झटके से जितेंद्र पोल से गिर पड़े और गंभीर रूप से घायल हो गए। ग्रामीणों ने उन्हें तुरंत निजी अस्पताल ले जाया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पोस्टमॉर्टम के लिए शव भेज दिया गया है।
इस हादसे के बाद गांव में गुस्सा भड़क गया। जितेंद्र के परिवार और ग्रामीणों ने बिजली विभाग के कार्यालय पर पहुंचकर जमकर हंगामा किया। उनका आरोप था कि जूनियर इंजीनियर (जे ई) और अन्य कर्मचारियों की लापरवाही से यह दुर्घटना हुई। कुछ ग्रामीणों का कहना है कि जितेंद्र का जूनियर इंजीनियर से पहले भी विवाद हो चुका था, और यह हादसा जानबूझकर रची गई साजिश हो सकती है। उन्होंने दोषियों की गिरफ्तारी और मुआवजे की मांग की। हंगामे के दौरान ग्रामीणों ने विभाग के खिलाफ नारे लगाए।
घटना की जानकारी मिलते ही प्रशासन हरकत में आ गया। सदर एसडीएम और सीओ रवि शंकर मिश्रा ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। वरिष्ठ अधिकारियों ने ग्रामीणों और परिवार से बातचीत की। आखिरकार, स्थिति को शांत करने के लिए कई वादे किए गए। बिजली विभाग की ओर से 15 लाख रुपये और मुख्यमंत्री राहत कोष से 5 लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया गया, कुल 20 लाख रुपये। इसके अलावा, जितेंद्र की पत्नी को पेंशन, प्रॉविडेंट फंड की राशि, परिवार के एक सदस्य को संविदा नौकरी और नाबालिग बेटे को 18 साल की उम्र तक हर महीने 4 हजार रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी। जे ई और एक अन्य कर्मचारी को निलंबित करने और उन पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने की तैयारी चल रही है। जांच के आदेश भी दे दिए गए हैं।
अभी तक की अपडेट्स के अनुसार, गांव में हालात सामान्य है। सोशल मीडिया पर भी इस मुद्दे पर चर्चा हो रही है। एक यूजर ने ट्वीट किया कि यह हादसा नहीं, बल्कि साजिश है और जे ई व एसएसओ पर तुरंत एफआईआर होनी चाहिए। बिजली विभाग में संविदा कर्मियों की सुरक्षा को लेकर यह घटना सवाल खड़े कर रही है। अक्सर शटडाउन के दौरान ऐसी लापरवाहियां होती रहती हैं, जो जानलेवा साबित हो जाती हैं। जितेंद्र के परिवार में पत्नी और छोटा बेटा है। स्थानीय लोग कहते हैं कि विभाग को सख्त सुरक्षा नियमों का पालन करना चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटना न हो।