
लखनऊ में आयकर विभाग ने बाबू बनारसी दास (BBD) ग्रुप के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। लगभग 100 करोड़ रुपये की 20 बेनामी संपत्तियां जब्त की गई हैं। ये संपत्तियां अयोध्या रोड पर चिनहट इलाके में स्थित हैं, जिनमें उत्तरधौना, जुग्गौर, और सरायशेख जैसे गांव शामिल हैं। इस कार्रवाई ने शहर में हलचल मचा दी है, क्योंकि BBD ग्रुप लखनऊ में शिक्षा और रियल एस्टेट के क्षेत्र में बड़ा नाम है। आइए, इस मामले की ताजा जानकारी और इसके पीछे की कहानी को समझते हैं।
कार्रवाई का विवरण: क्या हुआ और कैसे?
आयकर विभाग की बेनामी संपत्ति निषेध इकाई ने 5 जुलाई 2025 को यह कार्रवाई की। जांच में पता चला कि BBD ग्रुप के संचालकों ने दलित कर्मचारियों के नाम पर ये संपत्तियां खरीदी थीं। इन कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं थी कि वे इतनी महंगी जमीनें खरीद सकें। कुल 8 हेक्टेयर में फैली इन 20 संपत्तियों की कीमत डीएम सर्किल रेट के हिसाब से 20 करोड़ रुपये है, लेकिन बाजार मूल्य 100 करोड़ रुपये से ज्यादा बताया जा रहा है। कई संपत्तियों पर प्रोजेक्ट निर्माणाधीन हैं। आयकर विभाग ने 2021 से इस मामले की जांच शुरू की थी, जब संदेह हुआ कि इन जमीनों को बेनामी तरीके से खरीदा गया। जांच में सामने आया कि कुछ लोग इन जमीनों को बचाने के लिए खरीद-फरोख्त की कोशिश भी कर रहे थे।
BBD ग्रुप और बेनामी संपत्ति का कनेक्शन
BBD ग्रुप लखनऊ में अपनी यूनिवर्सिटी और रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स के लिए जाना जाता है। लेकिन इस कार्रवाई ने ग्रुप की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। बताया जा रहा है कि ये संपत्तियां दलित कर्मचारियों के नाम पर खरीदी गई थीं, जिन्हें इसकी जानकारी तक नहीं थी। यह एक आम तरीका है, जिसमें बड़े लोग गरीब या अनजान लोगों के नाम पर संपत्ति खरीदकर काले धन को छिपाते हैं। आयकर विभाग का कहना है कि यह कार्रवाई बेनामी संपत्ति निषेध अधिनियम के तहत की गई है। इस कदम को वित्तीय अनियमितताओं के खिलाफ सख्ती का संदेश माना जा रहा है। सोशल मीडिया पर भी लोग इस कार्रवाई की तारीफ कर रहे हैं, लेकिन कुछ का कहना है कि यह सिर्फ शुरुआत है और BBD ग्रुप की और भी संपत्तियों की जांच होनी चाहिए।
आगे क्या?
आयकर विभाग ने साफ किया है कि जांच अभी खत्म नहीं हुई है। सूत्रों के मुताबिक, और भी संपत्तियों की जांच चल रही है। विभाग यह पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि BBD ग्रुप ने और किन तरीकों से बेनामी संपत्तियां बनाईं। साथ ही, जिन कर्मचारियों के नाम पर ये जमीनें थीं, उनकी भूमिका भी जांच के दायरे में है। लखनऊ में BBD ग्रुप की संपत्तियों की मात्रा को देखते हुए लोग अंदाजा लगा रहे हैं कि यह मामला और बड़ा हो सकता है। कुछ जानकारों का कहना है कि सर्किल रेट में जल्द बढ़ोतरी हो सकती है, जिससे इन संपत्तियों की कीमत और ऊपर जा सकती है। इस कार्रवाई ने अन्य रियल एस्टेट समूहों के लिए भी चेतावनी का काम किया है।
शहर में चर्चा और इसका असर
लखनऊ में यह खबर आग की तरह फैल गई है। लोग सोशल मीडिया पर इस कार्रवाई को भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ा कदम बता रहे हैं। कुछ का कहना है कि यह कार्रवाई उन लोगों के लिए सबक है जो बेनामी संपत्तियों के जरिए काला धन छिपाते हैं। हालांकि, BBD ग्रुप के समर्थकों का कहना है कि यह कार्रवाई जल्दबाजी में की गई और ग्रुप को बदनाम करने की कोशिश हो सकती है। इस बीच, शहर के रियल एस्टेट बाजार पर भी इसका असर देखने को मिल सकता है। अयोध्या रोड पर BBD के कई प्रोजेक्ट हैं, और इस कार्रवाई से निवेशकों का भरोसा डगमगा सकता है। दूसरी ओर, यह कदम पारदर्शिता को बढ़ावा दे सकता है। लखनऊ के लोग अब यह देखने के लिए उत्सुक हैं कि इस मामले में अगला अपडेट क्या होगा।