
लखनऊ में सियासत का माहौल गर्म है, और इस बार चर्चा का केंद्र हैं अपना दल (सोनेलाल) के नेता और उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल। हाल ही में उन्होंने अपने बयानों से सबका ध्यान खींचा है, जिसमें उन्होंने बिना नाम लिए अपनी ही गठबंधन सहयोगी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर गंभीर आरोप लगाए। आशीष पटेल का कहना है कि उनके और उनकी पार्टी के खिलाफ साजिशें रची जा रही हैं।
आशीष पटेल के बयानों ने मचाई हलचल
लखनऊ में 2 जुलाई 2025 को अपना दल (सोनेलाल) के संस्थापक डॉ. सोनेलाल पटेल की 76वीं जयंती पर आयोजित एक कार्यक्रम में आशीष पटेल ने खुलकर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि कुछ लोग उनकी पार्टी को कमजोर करने के लिए 1700 करोड़ रुपये की ताकत लगा रहे हैं। बिना किसी का नाम लिए, उन्होंने बीजेपी पर इशारों में निशाना साधा और कहा कि उनका दल गठबंधन धर्म निभा रहा है, लेकिन अगर पीठ पीछे वार हुआ तो जवाब देने में भी पीछे नहीं हटेंगे। आशीष ने यह भी दावा किया कि उन्हें झूठे मुकदमों में फंसाने की साजिश हो सकती है। उनके इस बयान ने उत्तर प्रदेश की सियासत में हलचल मचा दी है। उनकी पत्नी और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने भी उनके बयानों का समर्थन किया और कहा कि ताकतवर और ईमानदार लोगों के खिलाफ साजिशें होती हैं।
पार्टी में टूट की खबरों का जवाब
हाल ही में अपना दल (एस) में टूट की खबरें भी सामने आईं। कुछ बागी नेताओं ने ‘अपना मोर्चा’ नाम से नया संगठन बनाया और आशीष पटेल व अनुप्रिया पटेल पर गंभीर आरोप लगाए। इन नेताओं का दावा है कि अपना दल अब कुर्मी समाज का प्रतिनिधित्व नहीं कर रहा और इसे एक “प्राइवेट लिमिटेड कंपनी” बना दिया गया है। जवाब में, आशीष पटेल ने कहा कि उनकी पार्टी सामाजिक न्याय के लिए लड़ रही है, और जो लोग इसे तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं, वे वंचित वर्गों के हितों को नजरअंदाज कर रहे हैं। अनुप्रिया ने भी बागी नेताओं को चेतावनी दी कि उनका दल किसी साजिश से डरता नहीं। यह विवाद गठबंधन की एकता पर सवाल उठा रहा है, और बीजेपी के साथ तनाव की अटकलें तेज हो रही हैं।
फर्रुखाबाद में विवाद
आशीष पटेल हाल ही में फर्रुखाबाद के दौरे पर थे, जहां उनका भव्य स्वागत हुआ। कार्यकर्ताओं ने ‘जय अपना दल’ और ‘आशीष पटेल जिंदाबाद’ के नारे लगाए, और युवा नेता सुमित कटियार ने उन्हें 21 किलो की फूलमाला पहनाकर सम्मानित किया। लेकिन इस दौरे में एक विवाद भी सामने आया। खबर थी कि तेल माफिया पवन कटियार के घर पर आशीष का स्वल्पाहार कार्यक्रम तय हुआ था, जिसे बाद में आशीष ने खुद रद्द कर दिया। उन्होंने साफ कहा कि वह ऐसे लोगों के साथ मंच साझा नहीं करेंगे। इस कदम से उनकी साफ-सुथरी छवि को और बल मिला, लेकिन यह भी सवाल उठा कि उनके कार्यक्रम की व्यवस्था में ऐसी चूक कैसे हुई।
सियासी भविष्य पर नजर
आशीष पटेल के बयान और हालिया घटनाक्रम यूपी की सियासत में बड़े बदलाव का संकेत दे रहे हैं। उनका बीजेपी पर बगावती तेवर और अपनी पार्टी को मजबूत करने का आह्वान दिखाता है कि वह गठबंधन में अपनी स्थिति को लेकर सतर्क हैं। कुछ जानकारों का मानना है कि यह 2027 के यूपी विधानसभा चुनाव से पहले रणनीति का हिस्सा हो सकता है। दूसरी ओर, बागी नेताओं का नया मोर्चा और बीजेपी के साथ तनाव से यह साफ है कि अपना दल के सामने चुनौतियां कम नहीं हैं। आशीष और अनुप्रिया की जोड़ी किस तरह इन साजिशों का सामना करती है, यह देखना होगा। फिलहाल, उनका कहना है कि वे सामाजिक न्याय और वंचित वर्गों के लिए अपनी लड़ाई जारी रखेंगे।