
अंबेडकर नगर के अकबरपुर कोतवाली क्षेत्र के उकरा गांव में हाल ही में नहर की खुदाई रुकने से ग्रामीणों का गुस्सा भड़क उठा। ग्रामीणों ने अकबरपुर-इल्तिफातगंज मार्ग को जाम कर विरोध प्रदर्शन किया, जिससे इलाके में हड़कंप मच गया। यह मामला जमुनीपुर माइनर से थिरुआ नाले तक तीन किलोमीटर लंबी नहर के निर्माण से जुड़ा है, जो पिछले 40 सालों से अधूरी पड़ी है। इस घटना ने स्थानीय प्रशासन और ग्रामीणों के बीच तनाव को उजागर किया है। सोशल मीडिया पर इस विरोध की तस्वीरें और वीडियो तेजी से वायरल हो रहे हैं, जिससे लोग इस मुद्दे पर चर्चा कर रहे हैं। आइए, इस घटना के बारे में विस्तार से जानते हैं और नवीनतम अपडेट्स देखते हैं।
उकरा गांव में क्या हुआ?
27 जून 2025 को उकरा गांव के ग्रामीणों ने नहर की खुदाई रुकने के विरोध में अकबरपुर-इल्तिफातगंज मार्ग को जाम कर दिया। ग्रामीणों का कहना है कि यह नहर उनके खेतों की सिंचाई के लिए जरूरी है, लेकिन प्रशासन ने काम रोक दिया। करीब दो घंटे तक सड़क जाम रही, जिससे यातायात ठप हो गया। ग्रामीणों का आरोप है कि नहर की खुदाई शुरू होने के बाद अचानक काम बंद कर दिया गया, जिससे उनकी फसलों को नुकसान हो रहा है। उन्होंने स्थानीय अधिकारियों पर ध्यान न देने का आरोप लगाया। इस प्रदर्शन में महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे, जो अपनी मांगों को लेकर नारे लगा रहे थे। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की, लेकिन ग्रामीणों का गुस्सा कम नहीं हुआ। यह घटना अब स्थानीय और सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गई है।
मामला क्यों है महत्वपूर्ण?
यह विरोध केवल नहर की खुदाई का मसला नहीं है, बल्कि यह ग्रामीणों की वर्षों पुरानी समस्या को दर्शाता है। अंबेडकर नगर एक कृषि प्रधान जिला है, जहां सिंचाई की सुविधा किसानों के लिए जीवन रेखा है। उकरा गांव के लोग दशकों से इस नहर के पूरा होने का इंतजार कर रहे हैं। नहर के अभाव में बारिश पर निर्भरता बढ़ती है, जिससे फसलें बर्बाद हो रही हैं। ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन की लापरवाही से उनकी आजीविका खतरे में है। इस घटना ने स्थानीय नेताओं और प्रशासन पर दबाव बढ़ा दिया है। सोशल मीडिया पर लोग इसे सरकार की नाकामी बता रहे हैं, जबकि कुछ का मानना है कि यह स्थानीय नेताओं की आपसी खींचतान का नतीजा है। यह मामला अब राजनीतिक रंग भी ले रहा है, क्योंकि विपक्षी दल इस मुद्दे को उठाकर सरकार पर हमला बोल रहे हैं।
पुलिस की कार्रवाई और मुकदमा
29 जून 2025 को पुलिस ने सड़क जाम करने वाले ग्रामीणों पर कार्रवाई की। पांच लोगों के नाम और 40 अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस का कहना है कि सड़क जाम करना गैरकानूनी था और इससे आम लोगों को परेशानी हुई। कोतवाली पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को समझाने की कोशिश की, लेकिन जब बात नहीं बनी, तो मुकदमा दर्ज करना पड़ा। ग्रामीणों का कहना है कि उनकी मांगों को सुना नहीं गया, जिसके कारण उन्हें सड़क पर उतरना पड़ा। इस कार्रवाई से गांव में तनाव और बढ़ गया है।
प्रशासन का जवाब
स्थानीय प्रशासन ने दावा किया है कि नहर की खुदाई का काम जल्द शुरू होगा। एक अधिकारी ने बताया कि बजट और तकनीकी कारणों से देरी हुई है। उन्होंने ग्रामीणों से शांति बनाए रखने की अपील की है। हालांकि, ग्रामीणों का कहना है कि यह वादा सालों से किया जा रहा है, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। प्रशासन ने यह भी कहा कि सड़क जाम करने वालों के खिलाफ सख्ती बरती जाएगी।
आगे क्या होगा?
यह मामला अब अंबेडकर नगर में चर्चा का केंद्र बन गया है। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक नहर का काम शुरू नहीं होगा, वे चुप नहीं बैठेंगे। कुछ स्थानीय नेता इस मुद्दे को विधानसभा तक ले जाने की बात कर रहे हैं। दूसरी ओर, प्रशासन पर दबाव बढ़ रहा है कि वह जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान करे। सोशल मीडिया पर लोग ग्रामीणों के समर्थन में पोस्ट कर रहे हैं, जिससे यह मुद्दा और गर्माता जा रहा है। क्या प्रशासन ग्रामीणों की मांगों को पूरा करेगा? या यह विरोध और तेज होगा? हम इस मामले पर नजर रखे हुए हैं और नवीनतम अपडेट्स आपके लिए लाते रहेंगे।
नोट: यह लेख हाल की खबरों और सोशल मीडिया पोस्ट्स पर आधारित है। स्थिति बदलने पर जानकारी अपडेट की जाएगी।