अम्बेडकरनगर पुलिस ने एक बड़ी कामयाबी हासिल की है। कटका थाना पुलिस और स्वाट-सर्विलांस टीम ने मिलकर एक ऑटो लिफ्टर गैंग के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है। ये गैंग न सिर्फ अम्बेडकरनगर, बल्कि आसपास के जनपदों में भी बाइक चोरी की वारदातों को अंजाम देता था। पुलिस ने इनके कब्जे से 10 चोरी की मोटरसाइकिलें बरामद की हैं। यह कार्रवाई खानपुर हुसैनाबाद इलाके में की गई, जिसने स्थानीय लोगों को राहत दी है।
पुलिस के मुताबिक, ये गैंग सुनियोजित तरीके से काम करता था। भीड़भाड़ वाली जगहों, जैसे बाजारों और पार्किंग स्थलों, को निशाना बनाया जाता था। चोर मास्टर चाबी और अन्य उपकरणों का इस्तेमाल कर बाइक चुराते थे। इसके बाद, बाइकों की नंबर प्लेट बदलकर या चेसिस नंबर में हेरफेर करके इन्हें बेचने की कोशिश करते थे। गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ में कई चोरी की घटनाओं को कबूल किया है।
कैसे पकड़ा गया गैंग?
पुलिस को लंबे समय से इस गैंग के बारे में सूचनाएं मिल रही थीं। स्थानीय लोगों की शिकायतों और चोरी की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए, कटका थाना पुलिस ने स्वाट और सर्विलांस टीम के साथ मिलकर एक विशेष अभियान शुरू किया। खानपुर हुसैनाबाद में वाहन चेकिंग के दौरान पुलिस को संदिग्ध गतिविधियां नजर आईं। चार लोगों को हिरासत में लिया गया, जिनकी पहचान बाद में शातिर चोरों के रूप में हुई।
पूछताछ में पता चला कि ये गैंग अम्बेडकरनगर के अलावा अयोध्या, सुल्तानपुर और अन्य पड़ोसी जनपदों में सक्रिय था। पुलिस ने इनके पास से 10 मोटरसाइकिलें बरामद कीं, जिनमें से कुछ की नंबर प्लेट बदल दी गई थी। एसपी अम्बेडकरनगर, केशव कुमार, ने बताया कि ये बाइकें विभिन्न थानों में दर्ज चोरी के मामलों से जुड़ी हैं।
आरोपियों के खिलाफ कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है, और उन्हें कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। पुलिस अब इनके अन्य साथियों की तलाश में छापेमारी कर रही है।
क्या है ऑटो लिफ्टर गैंग की कार्यप्रणाली?
ऑटो लिफ्टर गैंग का तरीका बेहद चालाकी भरा था। ये लोग आमतौर पर भीड़भाड़ वाले इलाकों में रेकी करते थे। बाजार, मंदिर, या रेलवे स्टेशन जैसे स्थानों पर खड़ी बाइकों को निशाना बनाते थे। मास्टर चाबी और लॉक तोड़ने के उपकरणों की मदद से चंद मिनटों में बाइक चुरा लेते थे। इसके बाद, वे बाइकों को सस्ते दामों पर बेचने के लिए दूरदराज के इलाकों में ले जाते थे। कुछ मामलों में, बाइकों का रंग बदलकर या नंबर प्लेट हटाकर उनकी पहचान छुपाई जाती थी।
पुलिस के अनुसार, ये गैंग अच्छी स्थिति वाली बाइकों को ही निशाना बनाता था, क्योंकि ऐसी बाइकों को बेचना आसान होता था। कई बार चोरी की बाइकों का इस्तेमाल अन्य अपराधों, जैसे शराब तस्करी, में भी किया जाता था।
स्थानीय लोगों में राहत, पुलिस की तारीफ
इस गिरफ्तारी के बाद अम्बेडकरनगर और आसपास के इलाकों में रहने वाले लोग राहत महसूस कर रहे हैं। स्थानीय निवासी रमेश ने कहा, “पिछले कुछ महीनों से बाइक चोरी की घटनाएं बढ़ गई थीं। पुलिस की इस कार्रवाई से हमें उम्मीद है कि अब चोर डरेंगे।”
आगे क्या?
पुलिस का कहना है कि यह अभियान अभी खत्म नहीं हुआ है। गैंग के अन्य सदस्यों की तलाश जारी है, और चोरी की बाइकों के खरीदारों पर भी नजर रखी जा रही है। एसपी केशव कुमार ने लोगों से अपील की है कि वे अपनी गाड़ियों को सुरक्षित जगहों पर पार्क करें और डबल लॉक का इस्तेमाल करें। साथ ही, संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी तुरंत पुलिस को दें।
अम्बेडकरनगर पुलिस की इस कार्रवाई ने न सिर्फ चोरी की घटनाओं पर लगाम लगाई है, बल्कि लोगों का भरोसा भी जीता है। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, और जानकारी मिलने की उम्मीद है। हम इस मामले में हर नए अपडेट के साथ आपको जोड़े रखेंगे।
