लखनऊ, 22 नवंबर 2025: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को सभी जिलाधिकारियों को अवैध घुसपैठियों और अप्रवासियों के खिलाफ तत्काल और कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने प्रत्येक जिले में अस्थायी हिरासत केंद्र स्थापित करने का आदेश दिया, जहां पहचाने गए घुसपैठियों को रखा जाएगा।
सरकारी बयान के अनुसार, सीएम योगी ने जिलाधिकारियों के साथ बैठक में कहा कि कानून-व्यवस्था, राष्ट्रीय सुरक्षा और सामाजिक सद्भाव सबसे ऊपर हैं। किसी भी अवैध गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जिला प्रशासन को अपने क्षेत्रों में अवैध अप्रवासियों की पहचान करने और कानून के अनुसार कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया।
बयान में कहा गया, “मुख्यमंत्री ने प्रत्येक जिले में अस्थायी हिरासत केंद्र स्थापित करने के निर्देश दिए हैं, जहां पहचाने गए घुसपैठियों को रखा जाएगा।” इन केंद्रों में विदेशी नागरिकता वाले अवैध अप्रवासियों को सत्यापन प्रक्रिया पूरी होने तक रखा जाएगा, उसके बाद उन्हें मानक प्रक्रिया के तहत उनके मूल देशों में निर्वासित किया जाएगा।
यह निर्देश बांग्लादेशी, पाकिस्तानी और रोहिंग्या मुसलमानों जैसे घुसपैठियों पर केंद्रित हैं, जो नकली दस्तावेजों के साथ राज्य में रह रहे हैं। उत्तर प्रदेश नेपाल के साथ खुली सीमा साझा करता है, जिससे अन्य देशों के नागरिकों पर निगरानी बढ़ाने की जरूरत है। उत्तर प्रदेश सरकार का यह कदम घुसपैठियों को लोकतांत्रिक प्रक्रिया से दूर रखने के लिए अहम् बताया जा रहा है।
कुछ अनौपचारिक दस्तावेज़ों के मुताबिक, देश में 1.5 करोड़ से अधिक अवैध अप्रवासी रहते हैं, जिसका एक बड़ा तबका उत्तर प्रदेश में भी है। इस साल की शुरुआत में पुलिस ने नकली पहचान पत्रों पर चल रहे संदिग्धों के खिलाफ अभियान चलाया था, जिसमें सैकड़ों को पकड़ा भी गया था।
कांग्रेस नेता अजय राय ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह गरीब मजदूरों को निशाना बनाने वाली नीति है। उन्होंने आरोप लगाया कि असली घुसपैठियों को संरक्षण मिलता है। कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम संविधान के अनुरूप है, बशर्ते मानवाधिकारों का पालन हो। केंद्र सरकार के विदेश मंत्रालय के साथ समन्वय से निर्वासन प्रक्रिया चलेगी।
