अंबेडकरनगर, 3 अक्टूबर 2025 – उत्तर प्रदेश के अंबेडकरनगर जिले में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। अशरफपुर किछौछा नगर पंचायत के चेयरमैन ओमकार गुप्ता पर भ्रष्टाचार और प्रशासनिक अनियमितताओं के गंभीर आरोप लगे हैं। राज्य सरकार ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है। नोटिस में 15 दिनों के अंदर जवाब मांगने के साथ ही उनके वित्तीय और प्रशासनिक अधिकारों को तत्काल प्रभाव से सीमित कर दिया गया है। यह कार्रवाई जिलाधिकारी की जांच रिपोर्ट पर आधारित है।
जिलाधिकारी की रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। आरोप है कि ओमकार गुप्ता ने जनवरी 2025 में सफाई, पेयजल और स्ट्रीट लाइटिंग के कर्मचारियों को 28 जनवरी से 1 फरवरी तक ड्यूटी न करने का निर्देश दिया था। इससे नगर पंचायत में अव्यवस्था फैल गई और सफाई का काम ठप हो गया। 2 फरवरी को तो कार्यकारी अधिकारी को दूसरी जगहों से स्टाफ बुलाना पड़ा। रिपोर्ट में कहा गया है कि चेयरमैन ने ठेके पर काम करने वाले कर्मचारियों की हड़ताल को हवा दी, गलत फैसले लिए और हड़ताल करने वालों को पूरा वेतन तक दिला दिया। यह सब नियमों के खिलाफ था।
इसके अलावा, सबसे बड़ा आरोप ब्लैकलिस्टेड कंपनी जे.के. इंफ्रा को फायदा पहुंचाने का है। कंपनी को टर्नओवर और अनुभव की शर्तों में छूट देकर टेंडर प्रक्रिया में जल्दी शामिल कर लिया गया। एक 21 बिंदुओं वाली जांच में चेयरमैन को पांच बिंदुओं पर दोषी पाया गया, जिसमें स्टाफ को बिना ऑनलाइन प्रक्रिया के हटाना और नई नियुक्तियां करना भी शामिल है। फरवरी 2025 में चेयरमैन और सभासदों ने कार्यकारी अधिकारी के दफ्तर के बाहर धरना दिया था, जिसे ‘हॉस्टेज’ जैसी कोशिश बताया गया। इससे पंचायत का कामकाज बुरी तरह प्रभावित हुआ। डीएम ने मार्च, जुलाई 2025 में तीन पत्र लिखकर शासन से अधिकार सीमित करने की सिफारिश की थी।
ओमकार गुप्ता ने नोटिस मिलने की बात से इनकार किया है। उन्होंने फेसबुक पर लिखा, “जाहिलों का बाजार गर्म है, लेकिन ओम के रक्षक खुद महादेव हैं। जय सनातन।” उनके समर्थक इसे राजनीतिक साजिश बता रहे हैं। सोशल मीडिया पर वायरल एक पत्र में उत्तर प्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1916 की धारा 48 का हवाला देकर निलंबन का जिक्र किया जा रहा है। लेकिन प्रशासन ने ऐसे किसी भी दावे की पुष्टि नहीं की है।
यह मामला पुरानी कलह से जुड़ा लगता है। दिसंबर 2023 में चेयरमैन पर एक दलित सभासद को पीटने का वीडियो वायरल हुआ था। फरवरी 2025 में ईओ के खिलाफ धरना दिया गया था। स्थानीय लोग कहते हैं कि विकास के नाम पर भू-माफिया सक्रिय हैं और तालाबों पर कब्जे हो रहे हैं। ओमकार गुप्ता बीजेपी से 2023 में चुने गए थे, लेकिन अब पार्टी में भी असंतोष की खबरें हैं।
शासन का यह कदम स्थानीय निकायों में पारदर्शिता लाने की कोशिश दिखता है। ओमकार गुप्ता के जवाब का इंतजार है। अगर आरोप साबित हुए, तो निलंबन हो सकता है। अंबेडकरनगर के लोग उम्मीद कर रहे हैं कि इससे पंचायत का काम सुधरेगा। फिलहाल, सोशल मीडिया पर बहस छिड़ी हुई है – कोई इसे न्याय बता रहा है, तो कोई सियासी चाल।
