
बरेली, उत्तर प्रदेश – 30 सितंबर, 2025: बरेली की सड़कें, जो आमतौर पर रोज़मर्रा की चहल-पहल से गूंजती हैं, आज खामोश हैं। शुक्रवार को हुई हिंसा के बाद पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए जांच तेज कर दी है। “आई लव मुहम्मद” पोस्टरों को लेकर शुरू हुआ विरोध अब बड़े पैमाने पर कार्रवाई में बदल गया है। मौलाना तौकीर रजा खान, इस हिंसा के कथित सूत्रधार, पर पुलिस का शिकंजा कस गया है। उनका दफ्तर सील कर दिया गया है, और अब तक 55 लोग, जिनमें उनके कई करीबी शामिल हैं, हिरासत में हैं। यह घटना हमें याद दिलाती है कि गुस्सा और उत्तेजना कितनी जल्दी पत्थरबाजी और नारेबाजी में बदल सकती है।
पिछले शुक्रवार, 26 सितंबर को, जुमे की नमाज़ के बाद शहर के कई इलाकों में माहौल गरमा गया। मौलाना तौकीर रजा के एक वीडियो, जिसमें उन्होंने मुसलमानों से “ताकत दिखाने” की बात कही थी, ने प्रदर्शनकारियों को भड़काया। इसके बाद जो हुआ, वह डरावना था: पुलिस पर पत्थर फेंके गए, पेट्रोल बम उछाले गए, और चार जगहों पर गोलीबारी हुई। कम से कम दो दर्जन लोग मौके पर ही पकड़े गए। FIR के मुताबिक, यह कोई अचानक भड़का गुस्सा नहीं था, बल्कि सात दिन पहले से बनाई गई “साजिश” थी, जिसमें एक “ऑनलाइन टूलकिट” के जरिए दूर-दराज के समर्थकों को बुलाया गया। रजा, जो इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के प्रमुख हैं, सात FIRs में मुख्य आरोपी हैं। उन पर पुलिसवालों को “मारने” की बात कहकर भड़काने का आरोप है।
रविवार तक रजा और उनके सात करीबी सहयोगी 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजे जा चुके थे। पुलिस छापों में उनके घर से अवैध हथियार, जैसे 12-बोर पिस्तौल, कारतूस और खाली खोल बरामद हुए। बरेली के SSP अनुराग आर्य ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “यह अकेले लोगों का काम नहीं था; यह एक नेटवर्क था।” हिंसा के बाद 48 घंटे तक बंद इंटरनेट सेवाएं आज सुबह बहाल हुईं, जिससे दुकानदारों और परिवारों ने राहत की सांस ली।
आज सुबह और सख्ती दिखी। नगर निगम की टीमों ने रजा के शहर के बीचों-बीच स्थित दफ्तर को सील कर दिया। उनके राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. नफीस के 36 दुकानों वाले मार्केट को भी ताला लगा, जो वक्फ की ज़मीन पर अवैध रूप से बना था और एक नाले को रोक रहा था। नफीस, जिन्होंने एक बार मामूली विवाद में इंस्पेक्टर का हाथ काटने की धमकी दी थी, को कल रात गिरफ्तार किया गया। अब उनकी संपत्ति पर बुलडोजर चलने की बात हो रही है। शाहजहांपुर में रजा के करीबी नदीम खान को एक होटल से पकड़ा गया, जिसके पास पुलिस का वायरलेस सेट था – यह सबूत कि वह हिंसा को ऑन-ग्राउंड कोऑर्डिनेट कर रहा था। एक पिता-पुत्र की जोड़ी को भी रजा को पनाह देने के लिए गिरफ्तार किया गया।
अब तक 55 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं, जिनमें 29 रजा के संगठन से जुड़े हैं। FIRs में 2,000 से ज्यादा नाम हैं, और आसपास के जिलों में छापेमारी जारी है। रजा के सहयोगियों की दुकानें, दो होटल, एक मैरिज लॉन और एक फार्महाउस बंद कर दिए गए हैं। बरेली अब शांत है। हिंदू और मुस्लिम नेताओं ने कल एक शांति बैठक की, जिसमें दोबारा ऐसा न होने की कसम खाई गई। एक स्थानीय इमाम ने कहा, “हम अपने नबी से प्यार करते हैं, लेकिन नफरत की कीमत चुकानी पड़ती है।” पुलिस गश्त बढ़ गई है, और शहर राहत महसूस कर रहा है।
रजा के समर्थक इसे “निशाना बनाना” बता रहे हैं, लेकिन वीडियो, कॉल्स और हथियारों के सबूत कुछ और कहते हैं। जांच गहराने के साथ UAPA और NSA के तहत कार्रवाई की सुगबुगाहट है। फिलहाल, उत्तर प्रदेश में संदेश साफ है: शांति कोई विकल्प नहीं, ज़रूरत है।