बाराबंकी, 6 सितंबर 2025: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में श्री रामस्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी (SRMU) में हुए लाठीचार्ज के बाद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा। ABVP कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को लखनऊ विश्वविद्यालय से परिवर्तन चौक तक मशाल जुलूस निकाला, जिसमें सैकड़ों छात्रों ने पुलिस और यूनिवर्सिटी प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। संगठन ने यूनिवर्सिटी द्वारा कथित तौर पर 6 बीघा सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे और लाठीचार्ज के दोषियों पर कार्रवाई के लिए सरकार को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया है।
यह विवाद 1 सितंबर को शुरू हुआ, जब ABVP कार्यकर्ताओं और विधि छात्रों ने SRMU के बाहर प्रदर्शन किया। उनका आरोप था कि यूनिवर्सिटी बिना बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) की मान्यता के LLB कोर्स चला रही है, जिससे छात्रों का भविष्य खतरे में है। प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज किया, जिसमें करीब दो दर्जन छात्र घायल हुए, कुछ को अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। ABVP का दावा है कि पुलिस ने शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर बर्बरता दिखाई और यूनिवर्सिटी ने बाहरी गुंडों को बुलाकर हमला करवाया।
ABVP के राष्ट्रीय सचिव अंकित शुक्ला ने कहा, “हमारी मांग है कि दोषी पुलिसकर्मियों और यूनिवर्सिटी प्रशासन पर सख्त कार्रवाई हो। यूनिवर्सिटी ने 6 बीघा सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण किया है, जिसे तहसीलदार के आदेश के मुताबिक हटाया जाना चाहिए। अगर 48 घंटे में कार्रवाई नहीं हुई, तो पूरे प्रदेश में आंदोलन होगा।” संगठन ने यह भी आरोप लगाया कि यूनिवर्सिटी ने मनमानी फीस वसूलकर और फर्जी डिग्री देकर छात्रों के साथ धोखा किया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं। बाराबंकी के सिटी CO हर्षित चौहान को हटाकर पुलिस लाइन भेज दिया गया है, और अयोध्या रेंज के IG को जांच सौंपी गई है। लेकिन ABVP का कहना है कि यह कार्रवाई नाकाफी है। संगठन ने सभी जिलों में प्रदर्शन की योजना बनाई है और चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो आंदोलन और तेज होगा।
स्थानीय लोग और छात्र इस घटना से गुस्से में हैं। यह घटना शिक्षा माफिया और पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाती है। पुलिस ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है और कहा है कि जांच पूरी होने के बाद दोषियों को सजा मिलेगी।
