
July 8, 2025
लखनऊ के अवध शिल्पग्राम में 4 से 6 जुलाई 2025 तक आयोजित तीन दिवसीय आम महोत्सव का समापन रविवार को हंगामे और अव्यवस्था के साथ हुआ। आखिरी दिन, समापन की घोषणा के बाद भीड़ बेकाबू हो गई और प्रदर्शनी में रखे आमों की लूट शुरू हो गई। लोग बैग, दुपट्टों, और थैलियों में आम भरकर ले गए, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। यह घटना लखनऊ की तहजीब के लिए सवाल उठा रही है। नीचे इस घटना के बारे में पूरी जानकारी दी गई है।
क्या हुआ आम महोत्सव के आखिरी दिन?
लखनऊ के अवध शिल्पग्राम में आयोजित आम महोत्सव में देशभर से 800 से ज्यादा किस्मों के आम प्रदर्शनी के लिए लाए गए थे। रविवार, 6 जुलाई को समापन समारोह के दौरान पुरस्कार वितरण की घोषणा हुई, लेकिन कुछ लोगों ने इसे गलती से “आम वितरण” समझ लिया। देखते ही देखते भीड़ प्रदर्शनी की मेजों पर टूट पड़ी। लोग आम लूटने लगे, जिससे अफरा-तफरी मच गई। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि कोई सुरक्षा कर्मी मौके पर नहीं था, जिसने स्थिति को और बिगाड़ दिया। महिलाएं, बच्चे, और बुजुर्ग भी इस लूट में शामिल थे। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियोज में लोग दुपट्टों और बैग में आम भरते दिख रहे हैं। आयोजकों ने बताया कि प्रदर्शनी के आम केवल दिखाने के लिए थे, बिक्री के लिए अलग स्टॉल्स लगाए गए थे।
लखनऊ की तहजीब पर सवाल क्यों?
लखनऊ को नवाबों का शहर और तहजीब का गढ़ कहा जाता है, लेकिन इस घटना ने शहर की छवि को धक्का पहुंचाया है। सोशल मीडिया पर लोग इस लूट को शर्मनाक बता रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, “यह लखनऊ की संस्कृति पर दाग है।” वहीं, कुछ लोग इसे मजाक में ले रहे हैं, कहते हैं, “आम के लिए इतना प्यार सिर्फ हिंदुस्तान में ही देखने को मिलता है।” कई लोगों ने आयोजकों और प्रशासन की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया। उनका कहना है कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त इंतजाम नहीं थे। इस घटना ने यह सवाल भी उठाया कि क्या बड़े आयोजनों में सुरक्षा और व्यवस्था पर ध्यान दिया जा रहा है? वायरल वीडियो में देखा गया कि कुछ लोग स्टॉल्स पर चढ़कर आम बटोर रहे थे, जबकि आयोजक रोकने की कोशिश में असफल रहे।
आयोजकों और प्रशासन की क्या भूमिका थी?
आम महोत्सव का उद्घाटन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 4 जुलाई को किया था। उन्होंने किसानों को अतिरिक्त फसल उगाने और आधुनिक खेती अपनाने की सलाह दी थी। समापन समारोह में उदyanन मंत्री ने रटौल आम के उत्पादकों को पुरस्कृत किया। लेकिन आखिरी दिन की अव्यवस्था ने आयोजन की चमक फीकी कर दी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, सुरक्षा कर्मियों की कमी और गलत घोषणा ने भीड़ को उकसाया। आयोजकों ने माना कि वे इतनी बड़ी भीड़ को संभालने के लिए तैयार नहीं थे। प्रशासन ने अब तक इस घटना पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन सोशल मीडिया पर लोग सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। कुछ का कहना है कि भविष्य में ऐसे आयोजनों में बेहतर योजना की जरूरत है। इस बीच, वायरल वीडियो ने इस घटना को राष्ट्रीय सुर्खियों में ला दिया है।
नोट: यह जानकारी विश्वसनीय स्रोतों और सोशल मीडिया पोस्ट्स पर आधारित है।